जब सौरमंडल की बात हो रही हो तो सारे ग्रहों के गॉड्फ़ाधर सूरज को हम कैसे भूल सकते है! सूर्य के बिना जीवन संभव ही नहीं, अगर सूर्य का अस्तित्व ना हो तो पृथ्वी जमकर बर्फीला ढेर बन जायेगी, और सभी ग्रह आवारा बन कर ब्रह्माण्ड में भटकने लगेंगे। NEBULAR THEORY के अनुसार क़रीब 4.6 अरब साल पहले एक विशाल नेब्यूला गैस के बादल मे एक या उससे अधिक सुपरनोवा विस्फोट ज़रूर हुए होंगे। जिसके कारण उस बड़े से गर्म बादल के ढह जाने या बिखर जाने से बादल मे मौजूद उसका raw materials उससे अलग हो गया। धीरे धीरे उस गैस के बादल का हिस्सा रफ़्तार, घुमाव और दबाव की वजह से मध्य केंद्र मे घटित हुआ और बाकी का हिस्सा उसके आसपास घूमता रहा। ये सब होनेमे करोडो साल लग गये और समय के साथ टेम्प्रेचर थोड़ा गिरा और हाइड्रोजन और हिलियम वाला भाग हमारे सूर्य के रुप में निर्मित हुआ, और उसके आसपास घूमने वाले raw material से पृथ्वी सहित अन्य ग्रह और सौरमंडल के छोटे बड़े पिंड का जन्म हुआ। इस तरह हमारा सौरमंडल की रचना हुई।
सूर्य धरती और अन्य ग्रहो से अलग है, वास्तव में वो एक तारा है। हमारी आकाशगंगा के सो-अरब तारो जैसा एक तारा। सूर्य G2 श्रेणी का तारा है जो आकाशगंगा के 10% तारो मे से एक है। जैसे हमारी पृथ्वी और अन्य ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते है वैसे ही सूर्य भी हमारी पृथ्वी सहित पूरे सौरमंडल को लेकर हमारी आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा कर रहा है, और इस परिक्रमा की समय-अवधि 25 करोड़ वर्ष है। सूर्य का व्यास सौरमंडल मे सबसे अधिक 13,92,000 किलोमीटर है। यह पृथ्वी से 10 लाख गुना बड़ा है, और इसमें 13 लाख पृथ्वियाँ समा सकती है।
सूर्य की सतह के भाग में हाइड्रोजन और हिलियम के साथ लोहा, ऑक्सीजन, सल्फर, मैग्नेसीयम, सिलिकोन, कार्बन, कैल्शियम, और क्रिमियम भी मौजूद है। सूरज के अंदर के मुख्य भाग को कोर कहा जाता है और वहाँ का टेम्प्रेचर अपनी चरम सीमा पर रहता है जो 1,56,00,000 डिग्री सेल्सिय होता है, और सतह का जो भाग हमेशा दिव्यमान रहता है उसका तापमान 6000 डिग्री सेल्सिय होता है। लगभग साढ़े चार अरब वर्ष पहले जन्म हमारा सूर्य हर सेकंड क़रीब 6,570 लाख टन हाईड्रोजन को 6,530 लाख टन हिलियम में ट्रांस्फ़र करता रहता है। अब दोनो आँकड़ो के बीच के तफ़ावत पर ग़ौर कीजिए दोस्तों। 40 लाख टन हाईड्रोजन का हिलियम में रूपांतर होता ही नहि है, लेकिन हिलियम के बजाय ऊर्जा में रूपांतरण होता है और वो ऊर्जा अंतरिक्ष में चारों तरफ़ फैल जाती है। ऐसे सूरज प्रति सेकंड अपने पदार्थ को गवाँ रहा है। पर ऐसे कब तक चलेगा?
तो ये सिलसिला अगले 5 अरब सालों तक युही चलेगा रहेगा। और जब 5 अरब साल बाद इसका हाइड्रोजन समाप्त हो जायेगा तब सूर्य के केंद्र का तापमान इतना बढ़ जायेगा की वो धीरे धीरे फूलने लगेगा और अपने आकर से 100 गुना बड़ा हो जायेगा, इस स्थिति को Red Giant कहते है। हमारा सूर्य भी एक दिन Red Giant बन जायेगा। अपने आकार के बढ़त की वजह से वो इतना फूल जाएगा की अपने अंदर बुध और शुक्र को समा लेगा फिर आयेगी पृथ्वी की बारी। लेकिन तब तक तो पृथ्वी से सभी जीवो का नाश हो चुका होगा। और करोडो साल बाद अब सूर्य मे सिर्फ हिलियम ही बचा होगा और वो हिलियम कार्बन मे रूपांतरित होने लगेगा। सूरज और ज्यादा फुलेगा और धीरे धीरे उसका बाहरी आवरण किसी छिलके की तरह उखड जायेगा, और अंत में पृथ्वी के कद जितना छोटा किसी गुटली जैसा आंतरिक भाग बचेगा। फिरभी उसमे गर्मी इतनी होगी की जिसकी कोई सीमा नहीं। भौतिक निष्णात जिसे White Dwarf कहते है। धीरे धीरे वो टेम्प्रेचर और रोशनी को भी खो देगा और बुज कर काले कोयले के समान हो जायेगा। इस तरह धरती और अन्य ग्रहो का अन्त करने के बाद हमारे सूर्य का भी अन्त हो जायेगा। पर चिंता को कोई बात नहि क्यूँकि ये सब होने मे 5 अरब साल लग जायेंगे।
ब्रह्माण्ड में हमारे सूर्य से पहले जन्मे करोड़ों तारो का एसे ही अंत हो चुका है। कई छोटे तारे White Dwarf बन गये है तो कुछ सुपर मैसिव तारे Neutron Star अथवा Black-Hole बन चुके है। और कुछ सिर्फ़ मृत कोयले के समान रह गये है। ब्रह्माण्ड में सर्जन विनाश और पुनः सर्जन की ये प्रक्रिया लगातार चलती आइ है और आगे भी चलती ही रहेगी.
Sir if light is made up of photon /massless particles then why it is attracted by black hole.
It is not actually massless. It has some mass but it is negligible . This concept is also based upon higher physics. Read about gravitational red shift or gravitational lensing
Sir , If light have no mass how black hole attract.
Good
Sir jab dark matter ki baat aati hai to wo bhi maassless hai to wo akashganga ke baahri taaro par kaise force laga pata hai kyunki uske kaaran jo force lagega wo to 0 hoga kyunki wo massless hai
Sir ,black colour light ko absorve kyu karta hai
black is actually not a colour, it is absence of colour…
so any object absorb those colour of light which do not have into it…
so as black don’t have any colour it absorb all wavelength (colour) of light.
Thx for the information
Because photon have moving mass
Mc^2=hc/y
M=h/yc
I think you understand
I am big fan of your sir……HITESH GIRI GOSAI..
..THANK YOU SO MUCH FOR GIVE A LOT OF KNOWLEDGE….THANK YOU SO MUCH SIR
because its high radiation absorber
क्या हम बिना फ्यूल के किसी planet पर space ship भेज सकते है physics के नियम से , जैसे अपने solar system मे कई सारे क्षुब्ध ग्रह move करते हैं
Very important information in sormandal
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Sir ,
Ye stars,suns, asteroids,etc
Jb black hole me jate hn to black hole ke kis point tk gravity se bandhe rhte HN,
Aur inke matter ka kya hota h,
Jb ye black hole ke andr jate hn