दुनिया के कई देशोने आज भी अपने प्रथम राष्ट्रध्वज को संभाल के रक्खा है. अमेरिकाने अपने प्रथम राष्ट्रध्वज को फटी-टूटी हालमें भी आज बड़े आदर से संभाले रक्खा है. लेकिन अफसोस की बात ये है के हमारे देश के पहेले तिरंगे का कोई अता-पत्ता नहीं है.
हमारे देश के राष्ट्रध्वज तिरंगे को “पिंगली वैंकैया” ने बनाया था. जिसे आज़ादी के कुछ दिन पूर्व 22 जुलाई, 1947 को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था.
आज़ाद भारत के पहेले तिरंगे को 14 ऑगस्ट 1947 की रात को 12:00 बजे पार्लमेंट सेन्ट्रल होल में जवाहर-लाल नहेरु ने लहेराया था. उसके बाद 15 ऑगस्ट 1947 की सुबग 8:30 बजे दुसरे तिरंगे को इंडिया-गेट पे लगे ब्रिटन के ब्रिटिश-जेक को उतर कर हमारे राष्ट्रध्वज को लगाया गया. और उसके दुसरे दिन ऑगस्ट 16 को लाल-किल्ले पर भारत देश के तीसरे तिरंगे को लहेराया गया.
दुःख इस बात का है के ऑगस्ट 14, 15, और 16 के दिन अलग-अलग जगहों पर लगाये गए भारतवर्ष के प्रथम तीनो तिरंगे (राष्ट्रध्वज) आज लापता है. उन तीनो तिरंगे को लगाने की रसम पूरी होने के बाद उन्हें भुला दिया गया…