एस्ट्रोनॉट बनने की ट्रेनिंग में उम्मीदवार की सहनशक्ति को ललकारा जाता है. इसमें उसकी फिजिकल, साइकोलॉजिकल और बौद्धिक सीमा का पता चल जाता है. जिन उम्मीदवारों का सिलेक्शन हो जाता है उन्हें 2 साल की फ़ाइनल ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें उम्मीदवारों को वास्तविक स्पेस मिशन में काम में आने वाली स्किल सिखाई जाती है. स्कूबा सर्टिफ़ाइड बनाया जाता है. G फ़ोर्स को झेलना और अंतरिक्ष में विपरीत हालातों में क्विक डिसीजन लेना सिखाया जाता है. उम्मीदवारों को प्रति दिन ऐसी क़रीब 40 एक्टिविटिस करनी होती है जो उन्हें अंतरिक्ष में काम आती है. इसके साथ ही उन्हें बेजिक रशियन भाषा भी सिखनी पड़ती है.
उम्मीदवारों को ट्रेनिंग में थियोरोटीकली और प्रेक्टिकलि दोनो तरीक़ों से ये जानकारी भी दी जाती है के किस प्रकार पृथ्वी और सौरमंडल की उत्पत्ति हुई और ग्रहों की भैगोलिक रचना कैसी है. इसके साथ एक ख़ास बात ये की NASA में एस्ट्रोनोत बनने के लिए आप युनाइटेड स्टेट्स के सिटिज़न होने चाहिए.
एस्ट्रोनौट बनने के लिए 2016 में NASA को अब तक के सबसे अधिक 18300 आवेदन मिले थे. और इनमे से सिर्फ़ 120 हाइ कोलिफ़ाइड लोगों को NASA ने इंटरव्यव के लिए इन्वाइट किया गया था. और इन 120 में से आधे यानी 60 लोगों को सेकंड राउंड के लिए बुलाया गया था.. और उन 60 में से सिर्फ़ 20 लोगों का एस्ट्रोनौट प्रोग्राम के लिए सिलेक्ट किया गया था.
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